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पहला दूसरा प्यार

पहला इश्क़ अगर ज़ख्म हे तो दूसरा इश्क़ मरहम . पहले इश्क़ ने मुझे सिखाया की क्यों प्यार करना चाहिए तो दूसरे इश्क़ ने सिखाया मुझे क्यों प्यार करना चाहिए . नए माज़ा की बोतल खाली हो जाने पर उसमे पानी भर कर पीओ तो लगता हे महक वही फील वही पर स्वाद नहीं होता . अगर पहला प्यार मज़ा हे तो दूसरा प्यार उसमे भरा पानी . और ये कहानी हे मेरे पहले दूसरे इश्क़ की .     पहली मोहब्बत में बिखर ने के बाद सोचा की अब किसी को घर छोड़ के आने पर पीछे मुड़कर नहीं देखना . अब घडी नहीं पहननी क्युकी अब अगर घडी के काटे किसी के दुपट्टे में उलझे तो शायद सुलझ नहीं पाएंगे . अपने करियर पे ध्यान देना हे और सपनो को तवज्जो देनी हे . तो पढाई की और एग्जाम देने का फैसला कर लिया . एग्जाम की date तय हुई २८ sep शहर मेरा ही बड़ोदा गुजरात का एक शहर . वान वाला रोज की तरह लेने आया . में बैठा और निकल पड़ा . उस दिन १० में से २ , ३ ही आये थे जैसे किसी तूफ़ान के पहले की शांति ह